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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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सीसीआरटी उदयपुर में छत्तीसगढ़ के शिक्षक सीख रहे हैं कठपुतली कला के गुर : पाली ब्लॉक के शिक्षक संतोष कर्ष भी हुए शामिल

सीसीआरटी उदयपुर में छत्तीसगढ़ के शिक्षक सीख रहे हैं कठपुतली कला के गुर : पाली ब्लॉक के शिक्षक संतोष कर्ष भी हुए शामिल

*छत्तीसगढ़ के शिक्षक सीख रहे हैं कठपुतली कला के गुर-*
*पाली ब्लाक के शासकीय प्राथमिक विद्यालय कारीछापर के शिक्षक संतोष कुमार कर्ष कठपुतली कला सीख रहे हैं उदयपुर में*

सांस्कृतिक स्रोत एवम प्रशिक्षण केंद्र उदयपुर राजस्थान में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ से पाँच शिक्षक साथी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ज्ञात हो कि 4दिसंबर से19 दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, तमिलनाडु एवम अरुणाचल प्रदेश के शिक्षक शिक्षिकाएं भाग ले रहे हैं जहाँ सुबह9बजे से शाम5बजे तक चलने वाले इस कार्यशाला में भारत वर्ष के विभिन्न राज्यों के विविध कलाओं एवम संस्कृतियों से रूबरू होते हुए अपने खान- पान, रहन- सहन वेशभूषा का आदान प्रदान किया जाता है।सांस्कृतिक आदान प्रदान के इस क्रम में शिक्षा में कठपुतली कला का उपयोग किस प्रकार और कैसे करें, इस विषय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य का नेतृत्व करते हुए संतोष कुमार कर्ष, सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय कारिछापर, विकासखंड पाली जिला कोरबा,श्रवण कुमार साहू, सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय लखना,विकासखंड अभनपुर, भारत लाल साहू, सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय भुरका, विकासखंड अभनपुर, दीपक दुबे सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय बनचरौदा,विकासखंड आरंग,सभी रायपुर जिला,सोहन लाल साहू सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय छिन्दगांव, विकासखंड लोहंडीगुड़ा जिला बस्तर,  का नेतृत्व कर रहे है,, उक्त कार्यशाला के बारे में फोनवार्ता करते हुए हमारे संवाददाता से संतोष कुमार कर्ष ने बताया कि शिक्षा में कठपुतली कला का प्रयोग अपने आप मे काफी रोचक एवम आनन्ददायी होगा,इस पद्धति से बच्चे निश्चित रूप से अवधारणा को स्प्ष्ट रूप से समझ सकेंगे।

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