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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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GSM TEACHER :- SMT SWATI PANDEY सीखने की ललक हो तो दूरियां बाधक नहीं होती है,आगमेन्टेड रियालिटी वीडियो तैयार किये और ऑनलाइन क्लास में बच्चों को दिखाया

 

नाम-श्रीमती स्वाति पांडेय

पद-शिक्षक(एल. बी.)

जिला- मुंगेली, छत्तीसगढ़

इरादें नेक हो ,जज्बा कुछ कर लेने का हो,,,बात बच्चों की हो ,बात शिक्षा की हो ,बात समर्पित भाव की हो अपने कर्तव्य क्षेत्र में तो,,,, एक मिशाल बनना तय होता है। कोई मंजिल की चाह नही बस रास्ते सही हो। 

वर्तमान समय में कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से जब समस्त शिक्षण संस्थान बंद हुए। कब तक रहेंगे ये भी तय नही था। भय के साथ चिंता भी थी बच्चों की पढ़ाई की.... वाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से उन्हें पढ़ाई सम्बन्धित जानकारी भेजते रहना ,फोन कॉल्स द्वारा मौखिक चर्चा करना, जारी रहा। ' पढ़ई तुंहर दुआर' योजना के तहत ऑनलाइन क्लास लेना शुरू किया मैंने ,पीपीटी के द्वारा रोचक क्लास का आयोजन करना ताकि बच्चें पढ़ई से जुड़ते चले जाएं। बच्चे तो बच्चे होते है उन्हें कुछ नया ही अच्छा लगता है। इसी क्रम में एक नई शुरुआत हुई कि हर शनिवार बच्चों में रचनात्मक कौशल के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया नतीजा ये हुआ कि मुंगेली के बाहर के बच्चे भी जुड़ने लगे। विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या व उनका उत्साह देख कुछ नया करने का मन किया इस बीच आगमेन्टेड रियालिटी के बारे में पता चला तो बस दिन रात एक कर मैंने कुछ वीडियो तैयार किये और ऑनलाइन क्लास में बच्चों को दिखाया गया। बच्चो के लिए ये जितना नया था उतना ही अदभुत, रोमांचक भी रहा।

ऑग्मेंटेड रियालिटी:-दिनाँक02-10-2020 को 2 बजे मुंगेली जिले की तरफ से एक वेबिनार का आयोजन हुआ ऑग्मेंटेड रियालिटी पर मैंने सोचा नही था कि ये राज्यस्तरीय होगा। जिले के अधिकारी गणों के निर्देशन में Egnite school की तरफ से मुझे अवसर मिला।श्री सत्यराज अय्यर व समग्र शिक्षा परिषद से डॉ. एम. सुधीश सर उपस्थित होकर इस वेबिनार के आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जिसमें प्रदेश के हर जिले से शिक्षक व विद्यार्थी जुड़े। ये सिलसिला यही तक नही था। अब तक मेरे द्वारा क्लास में बच्चो को पढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता था। इस वेबिनार के बाद बहुत से बच्चों बनाकर मुझे भेजा। 

अब प्रतिदिन की मेरी क्लास में इस नई तकनीक का मेरे द्वारा उपयोग कर पढ़ाया जाता है। सही अर्थों में कहूँ तो अब ज्ञान शब्द प्रमाण तक सीमित नही इस आगमेंटेड रियालिटी के द्वारा 

मैं बच्चों को सौरमण्डल ,समुद्री जीव जंतु ,रेगिस्तान ,जंगल की  सैर सब करा सकती हूँ। बच्चे भी प्रतिदिन की क्लास के लिए उत्साहित रहते है कि आज क्या सीखने को मिलेगा। दाँतो की संरचना ,ऑक्टोपस ,हाथी ,डायनासोर ये सब देख बच्चे खूब खुश होते है।

Arloopa टेक्निक वास्तव में शिक्षा के क्षेत्र  में वरदान से कम नही है। सच कहूँ तो एक नया उत्साह का संचार हुआ बच्चों में। आभासी क्लास वास्तविक की जगह तो नही ले सकती पर ये नई टेक्नोलॉजी का शिक्षण में उपयोग एक नई शुरुआत है।

करोना एपिडेमिक पर मैंने बच्चों द्वारा विभिन्न गतिविधियां करवाई जैसे- करो ना को पत्र, स्लोगन, करोना अवेयरनेस पिक्चर, करो ना से बचाव हेतु शपथ

सीखने की ललक हो तो दूरियां बाधक नहीं होती है। पढ़ाई तुंहर द्वार योजना के अंतर्गत ऑनलाइन क्लासेस चल रही है बच्चों को जोड़ने के लिए नित नए नवाचार हो रहे हैं ।बच्चों के लिए कुछ नया करने के जोश में एक अभिनव पहल शुरू किया गया हर शनिवार की तरह इस शनिवार भी रोचक आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या में बच्चों की उपस्थिति रही ।होममेड सैनिटाइजर कांपटीशन रखा गया था  ।जिसका आयोजन इग्नाइट सीबीएससी पूर्व माध्यमिक शाला करही मुंगेली की शिक्षिका होने के नाते मेरे द्वारा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से रखा गया था। जिसमें विद्यार्थियों का उत्साह देखते बन रहा था मुंगेली के अलावा अन्य जिले के भी छात्र इस प्रतियोगिता में शामिल हुए। बच्चों को वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वयं के बचाव के लिए सैनिटाइजर का उपयोग कैसे करे एवं कैसे सेनीटाइजर बनाये यह बारी-बारी से सभी विद्यार्थियों ने बताया। 

हमारे ऑनलाइन कार्यक्रम में बेमेतरा जिले से श्रीमुन्नू लाल साहू,  श्रीमती साहू मैडम ,श्रीमती शालिनी दुबे एवम मना कृष्ण चंद्राकर सर शामिल हुए एवं इनके द्वारा बच्चों का प्रोत्साहन करते हुए इस विषय के लिए काफी प्रशंसा की गई ।इसके पहले शनिवार को मास्क मेकिंग कंपटीशन रखा गया था इस विषय के लिए  काफी प्रोत्साहन एवं प्रशंसा  मिली थी ।मेरी कोशिश है कि  मैं अपने अन्य जिलों के शिक्षक साथियों को शामिल कर इस कोरोना संकट की स्थिति में नए-नए आयोजन कर विद्यार्थियों की छिपी हुई प्रतिभाओं को बाहर निकाले अतः  मेरा यह प्रयास जारी रहेगा कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अन्य जिलों के विद्यार्थियों के साथ उन्हें शामिल कर कुछ नया सीखने एवम सिखाने का अवसर प्रदान करें बच्चों की उत्सुकता देखकर कुछ पल के लिए मुझे यूं लगने लगा कि आभासी क्लास ना होकर वास्तविक लग रहा था।और कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है इस उद्देश्य की पूर्ति भी इन कार्यक्रमों से हो रही है। बच्चों के वैज्ञानिक चिंतन को भी बढ़ावा मिल रहा है।

हर शनिवार की तरह प्रत्येक रविवार को हमारे स्कूल स्तर पर cg .in के माध्यम से  बच्चों की अभिरुचि आधारित ऑनलाइन प्रोग्राम करवाया जाता है ।जिसमें हमारे स्कूल के विद्यार्थी भाग लेते हैं उनके अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए उनके लिए रीडिंग, राइटिंग, ऑरिगामी ,क्ले टॉयज एवं जीरो इन्वेस्ट इनोवेशन को ध्यान में रखते हुए घर के ही वेस्ट मटेरियल को एजुकेशन के रूप में कैसे यूज किया जाता है ।इस पर उन्हें वर्क दिया जाता है जिस पर बच्चों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहता है इसे देखकर घर के पालक तो खुश होते ही है  और बच्चों में सीखने की ललक पैदा होती है । मैं अपने स्कूल में अंग्रेजी और विज्ञान विषय पढ़ाती हूं और बच्चों को पढ़ाते हमें किसी विषय पर यदि बच्चों को  पारंगत बनाना है तो पढ़ाने के पश्चात बच्चों की अभिरुचि पढ़ाई में बढ़ाना आवश्यक होता है। अभिरुचि बढ़ाने के लिए उन्हें सक्रिय रखना पड़ता है इसके लिए जो टॉपिक पढ़ाया जाता है उससे जुड़ा होमवर्क जो दिया जाता है उसमें प्रैक्टिकल होना आवश्यक है जिसके लिए उन्हें घर में उपलब्ध सामग्रियों से ही कुछ प्रोजेक्ट या मॉडल बनाकर दिखाने हेतु कहा जाता है ।

इसी प्रकार अंग्रेजी विषय पढ़ाते समय जो शब्द या व्याकरण हम बच्चों को पढ़ाते हैं उसका दैनिक उपयोग अपने जीवन में कर पा रहे हैं कि नहीं इसका टेस्ट लिया जाना आवश्यक है इसके लिए मैं बच्चों को उनके दैनिक क्रियाकलापों से जुड़े वाक्य बनाकर हिंदी में देती हूं जिसे वह दिनभर अंग्रेजी में अनुवाद कर उपयोग करते हैं व्हाट्सएप के माध्यम से मुझे भेजते हैं त्रुटि होने पर उन्हें मार्गदर्शन देती हूँ।

सुनने निवेश के साथ छात्रों को स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यक्रम के लिए प्रेरित करना- स्वच्छता और स्वास्थ्य के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए हमने ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को जीरो इन्वेस्टमेंट मे मास्क एवम सैनिटाइजर कैसे बनाया जा सकता है यह सिखाया गया जिसे बच्चे अपने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए घर की सामग्री से ही सैनिटाइजर एवं मास्क बनाकर खुद को कैसे स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते हैं एवं परिवार को कैसे स्वस्थ एवं सुरक्षित रख सकते हैं  इसकी जानकारी देकर इस ज्ञान का प्रसार किया कि मार्केट में मिलने महंगे सैनिटाइजर की अपेक्षा घर पर ही बने हुए  सुरक्षित सैनिटाइजर का उपयोग करें ।

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