-->

WELCOME

शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

नवाचारी ग्रुप

        

Breaking News

Random Post

GSM TEACHER - शून्य निवेश द्वारा रददी पेपर की कतरन से अक्षर,शब्द,और वाक्यों का निर्माण करना बच्चों को सिखाने वाली शिक्षिका MADHU TIWARI

 नाम - मधु तिवारी

पद - सहायक शिक्षक

शाला- प्राथमिक शाला धाकड़पारा

वि.ख - कोंडागांव

जिला- कोंडागांव ,छ.ग.

पता - सरगीपालपारा, कोंडागांव

मो न - 9713125160

 अगर मन मे सच्ची लगन हो तो कोई भी कार्य असम्भव नही है ।मेरी प्रथम पदस्थापना सुदूर वनांचल क्षेत्र में हुई थी। घने जंगल में बसाहट के कुल 32 घर थे ।  विकासखण्ड मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर । वहीं एक मिट्टी के कमरे में 5  कक्षा संचालन किया जाता था ,जो बहुत ही छोटा था। सभी बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाना सम्भव नही होता था। तो मैंने 1 से 3 तक के बच्चों को रनिंग ब्लैकबोर्ड के सहारे पूरे खाली मैदान व जंगल के बीच साफ जगह में पढ़ाना शुरु कर दिया । लिखने के लिये रेत,मिट्टी में किटका से भी लिखकर लेखन अभ्यास कराती थी। स्वम् के व्यय से बच्चों के लिए कॉपी ,पेन की व्यवस्था भी करती थी क्योकि वहाँ शहर दूर होने के कारण बच्चों के पास हर समय कॉपी, पेन उपलब्ध नहीं हो पाता था। साथ ही प्रकृति से जुड़कर मैंने आसपास के पूरे वातावरण को सभी विषय से जोड़कर गतिविधियों द्वारा पढ़ाना शुरू किया ।  वहाँ के निवासी द्वारा हल्बी और गोंडी ही बोली जाती थी। लेकिन भाषा कभी आड़े नहीं आयी मेरे और बच्चों के बीच। तीन महीने के अथक प्रयास से ही बच्चों ने बहुत कुछ बोलना,पढ़ना,और लिखना सीखकर अपने अधिगम स्तर को प्राप्त किया ।

 पूरा गांव आते जाते देखता था दिनभर के हमारे क्रिया कलापों को । सबको बहुत उत्सुकता थी। जब बच्चे हिंदी,इंग्लिश में आपस मे छोटे छोटे शब्द ,वाक्य बोलने लगे तो पालन भी बहुत खुश हुए । उनका जुड़ाव स्कूल व बच्चों की पढ़ाई की ओर बढ़ने लगा। वे स्वम् ही कॉपी ,पेन की समय पर व्यवस्था करने लगे। मेरे प्रति पालको के व्यहार में बहुत ज्यादा अपनापन व सम्मान बढ़ने लगा। वो मुझे अपने सुख दुख सब मे मुझे शामिल करने लगे ।जैसे ही मुझे आते देखते स्कूल अपने बच्चों को स्वम् ही भेजने लगे । विषय पर आधारित मेरे द्वारा तैयार  पठन सामग्री के प्रयोग से बच्चें बहुत अच्छी तरह सीखने लगे । जिसके कारण दूर दूसरे गाँव वाले बच्चे भी वहाँ एडमिशन लेने आने लगे।मैने बच्चों के साथ मिलकर मिट्टी के कमरे की अंदर की दीवारों पर नक्शा बनाया व बाहरी पर नीचे गतिविधियों को बस्तर आर्ट में बनाकर हिंदी ,इंग्लिश में नाम लिखकर ,,नोटिस बोर्ड पर विद्यालय का नाम शिक्षक, दर्ज संख्या भी लिखा ।  

बच्चों को विविध प्रतियोगिता खेल शारिरिक, बौद्धिक,सांस्कृतिक व अन्य सभी के लिये प्रोत्साहित किया । जिससे उस स्कूल की एक नई पहचान बन पाई । कोरोना महामारी के कारण जब स्कूल बंद है पढ़ाई तुंहर द्वार द्वारा बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने ऑन लाइन व मोहल्ला क्लास के माध्यम से  ऑफ लाइन कक्षा का संचालन किया जा रहा है।

*शिक्षा*- 

सम्बन्धित क्षेत्र में उपलब्धियों का विवरण

*शैक्षिक सम्मान जिला स्तर पर*

* मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण 

*स्वतंत्रता दिवस पर उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मान

*गणतंत्र दिवस पर सम्मान उत्कृष्ट कार्य हेतु 

*अरविंदो सोसायटी द्वारा जिला नवाचार कार्यशाला में सम्मान

*राज्य स्तर पर सम्मान*

* बालोद जिला में आदर्श शिक्षक सम्मान

* धमतरी जिला में मौलाना आजाद शिक्षा रत्न सम्मान

* अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रायपुर छ ग द्वारा महिला सशक्तिकरण सम्मान

* मिनीमाता शिक्षा सम्मान, धमतरी

* बालोद में लोकअसर साहित्य सम्मान

* सद्भावना नारी शक्ति सम्मान, रायपुर

 *  तीन दिवसीय बालिका शिक्षा शिविर में उनके अधिकारों पर अभिव्यक्ति व सहयोग हेतु सम्मान पत्र

*राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान*

* 60वां नेशनल गेम्स टेबल टेनिस गर्ल अंडर17 टेडपल्लीगुडम आंध्रप्रदेश में प्राप्त प्रशस्ति पत्र

* 59वां स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया अंडर 14 गर्ल औरंगाबाद महाराष्ट्र में प्राप्त प्रशस्ति पत्र

* राजा हरिषचंद्र कला क्रीड़ा प्रतिष्ठान ,पुणे द्वारा प्राप्त राष्ट्रीय प्रतिभारत्न पुरस्कार 

* साहित्य रत्न सम्मान, गोवा

*सम्भाग व ग्राम पंचायत द्वारा प्राप्त सम्मान*

* युवा संसद प्रतियोगिता संभाग स्तर पर जिला तीसरे स्थान पर जिसमे कुशल सहयोगी निर्देशक की भूमिका 

* ग्राम पंचायत द्वारा प्राप्त सम्मान पत्र बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिये

* ग्राम पंचायत द्वारा शिक्षा में नवाचार के लिये प्राप्त प्रशस्ति पत्र

*कार्य क्षेत्र - विशेष कार्य*

* प्राथमिक एक से पाँच तक की कक्षा के सभी विषय- हिंदी,गणित,इंग्लिश, पर्यावरण में पाठ्य सामग्री का निर्माण

* वाल पेंटिंग्स द्वारा इन सभी विषय की रोचक तरीके से तैयार  की गयी पाठ्यसामग्री से पढ़ाई को रुचिपूर्ण बनाया गया है।

*  बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा को बाहर लाने के लिये उन्हें व्यवहारिक शिक्षा के माध्यम से आकर्षक तरीक़े से पर्यावरण और शिल्प कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं को उनके कच्चे स्वरूप से लेकर निर्माण तक कि प्रक्रियाओं को उनके बीच जाकर समझाना ,दिखाकर प्रेरित किया जाता है।

* शून्य निवेश द्वारा रददी पेपर की  कतरन से अक्षर,शब्द,और वाक्यों का निर्माण करना बच्चों को सिखाया जाता है।

* राष्ट्रीय प्रेम भाईचारे की भावना जागृत करने हेतु सभी राष्ट्रीय महत्व के दिवस को शाला में मनाया जाता है।

* पुस्तकालय में प्रतिदिन बच्चों को पुस्तक पढ़ने के लिये प्रेरित किया जाता है।

* ग्रामीण परिवेश के कारण स्वास्थ्य और मौसम में आए नित नए परिवर्तन व संक्रमण की जानकारी के लिये जागरूकता रैली समय-समय पर निकाली जाती है।

* विभिन्न अवसरों पर सैकड़ो बच्चों को शिक्षक द्वारा पेन,कॉपी,किताब भेंट में दिया जाता रहा है।

* शब्दों के उच्चारण को लेकर शिक्षक द्वारा विशेष प्रयास किया जाता रहा है ।

* बच्चों के कार्यों को प्रदर्शित करने के लिये फ़ोटो गैलरी और समय समय पर बच्चों द्वारा बनाई कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाती है।

* खेल ,सांस्कृतिक (गीत,एकल और सामुहिक नृत्य ) रंगोली बालक एवं बालिका और समान्य ज्ञान प्रतियोगिता में शाला के बच्चों ने ब्लॉक , जिला स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे है।

* शिक्षक द्वारा सैकड़ों काव्य लेखन,कहानी,लेख,विभिन्न साहित्यकारों ,शिल्पकारों का साक्षात्कार लिखा गया है।

* जिला,राज्य व राष्ट्रीय स्तर की पत्रिका में इन सब का प्रकाशन भी होता रहा है।

* शिक्षक द्वारा जिला से प्रकाशित होने वाली त्रिमासिक पत्रिका में छत्तीसगढ़ी की सहसंपादक का कार्य कुछ वर्षों तक किया गया । साथ ही वर्तमान में राष्ट्रीय जनजातीय चेतना की पत्रिका ककसाड का सहसम्पादन किया जा रहा है।

* ककसाड को राष्ट्रीय स्तर पर 2018 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया और उसे संसद भवन ग्रन्थालय में रखने के लिये चयनित भी किया गया है।

* शिक्षक द्वारा समुदाय सहभागिता पर आधारित "श्रेष्ठ पालकत्व" पत्रिका का पाठ्यक्रम व प्रशिक्षण हेतु माड्यूल राज्य व यूरोपियन कमीशन द्वारा सामुहिक रूप से तैयार कराया गया ,जिसमे लेखिका के रूप में शामिल हुई ।

* जेंडर समानता के लिये पालक प्रशिक्षण और बालिका शिक्षा हेतु बस्तर संभाग में मीना मंच निर्माण कार्य में अग्रणी भूमिका निभाई है।

* स्वचछ भारत निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान हेतु जिले में सम्मान प्राप्त किया है






































No comments:

Post a Comment