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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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GSM TEACHER - DEEPIKA GARG,स्वयं के खर्चे से बच्चों के लिए लगभग 5000 रुपये के शैक्षिक खिलौने ,लगभग 500 चार्ट और वर्किंग माडल बनाकर पढ़ाने वाली शिक्षिका

नाम -दीपिका गर्ग 

पद -सहायक अध्यापिका 
विद्यालय -कन्या प्राथमिक विद्यालय महोबकंठ 
विकासखंड -पनवाड़ी 
जिला -महोबा 
उत्तर प्रदेश

 नियुक्ति तिथि -9/11 /2015
 
*नियुक्ति के समय से ही विद्यालय में t.l.m. ,शिक्षण गतिविधियां ,मोबाइल और लैपटॉप की सहायता से शिक्षण कार्य पर जोर दिया गया |
*साथ में योग और खेल के द्वारा शरीर को स्वस्थ रखना सिखाया गया |
 *खेल खेल में शिक्षा के द्वारा शिक्षा को  रुचिकर और प्रभावी बनाया गया |
*अभिभावक से प्रति सप्ताह संपर्क किया गया |
*विद्यालय नियमित आने वाले बच्चों और कक्षा में श्रेष्ठ कार्य करने वाले बच्चों को प्रत्येक माह पुरस्कृत भी किया गया |
 *समय समय पर विद्यालय में सांस्कृतिक गतिविधियां और खेलकूद ,निबंध वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया |
* हर माह बच्चों के जन्म दिवस उनकी जन्मतिथि के अनुसार मनाए गए |
*प्रत्येक माह में पड़ने वाले जयंती और त्यौहार के विषय में जानकारी दी गई और विद्यालय में  प्रत्येक त्यौहार को हर्षोल्लास से मनाया गया |
*कला और  क्राफ्ट के माध्यम से बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया | उन्हें नई-नई वस्तुएं बनाना सिखाया गया |
*बच्चों में से ही मॉनिटर प्रणाली के द्वारा बाल शिक्षक का चयन करके शिक्षा  की निरंतरता बनाए रखी गई |
*बच्चों के कार्य पुस्तिकाओं और  पुस्तकों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया गया |
*बच्चों के लेख पर विशेष ध्यान दिया गया |
*साफ-सफाई आदि पर नियमित रूप से अवलोकन किया गया |
*विद्यालय में एक नोटिस बोर्ड लगाया गया जिसमें बच्चे अपनी कला अपनी कविताएं प्रदर्शित करते हैं |
*विद्यालय में बाल संसद का गठन किया गया |
*बच्चों के पाठ्य सामग्री  के लिए विद्यालय में स्टेशनरी बैंक की स्थापना की गई |
*विद्यालय में स्वयं के खर्चे पर लगभग 100 पुस्तकें रखी गई जो समय-समय पर बच्चों को पढ़ने के लिए दी जाती हैं बच्चे स्वयं लेकर स्वाध्याय करते हैं |
*स्वयं के खर्चे से बच्चों के लिए लगभग 5000 रुपये के शैक्षिक खिलौने खरीदे गए जिनका समय समय पर उपयोग किया जाता है |
*विषय वस्तु को बेहतर तरीके से समझाने के लिए लगभग 500 चार्ट और वर्किंग माडल बनाए गए |
*बेकार चीजों से उपयोगी चीजें बनाना सिखाया गया |
*नवोदय की तैयारी भी विद्यालय में करायी जाती है |
* लॉकडाउन के पहले, जनवरी माह में ही विद्यालय के बच्चों के अभिभावकों का फोन नंबर लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया जिससे उन्हें निरंतर सूचना और शिक्षा दी जा सके
*विभिन्न राष्ट्रीय त्यौहारों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया |
*बच्चों को संगीत ,नृत्य एवं गायन की भी शिक्षा दी गयी |
*प्रत्येक शनिवार विद्यालय में बालसभा का आयोजन किया जाता है जिसका संचालन बच्चे स्वयं करते हैं |
*बच्चों को क्षेत्रीय भाषा से मातृ भाषा की ओर बढ़ाया जाता है |
*कक्षा 1 व 2 के लिए हर दिन नयी गतिविधि द्वारा उनका ध्यानाकर्षण किया जाता है |
*दीक्षा एप,रीड अलौंग एप,गूगल,यूट्यूब और अन्य माध्यम से विषयवस्तु को समझाया जाता है |
*इसके अतिरिक्त अन्य अनेकों कार्य के द्वारा विद्यालय में शैक्षिक उन्नयन के पूर्ण प्रयास निरन्तर किए जा रहे हैं |
 उपलब्धियाँ-
 *विद्यालय की योग टीम ने ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया |
*वर्ष 2019 में विद्यालय की एक बालिका का नवोदय विद्यालय में चयन हुआ |
* जनवरी वर्ष 2019 महोबा जिले के माननीय सांसद जी के द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार प्राप्त हुआ |
 *फरवरी 2019 में कुरुक्षेत्र हरियाणा की धरती पर नवोदय क्रांति परिवार द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक का पुरस्कार मिला |
 *2020 में स्मार्ट गुरु का अवार्ड मिला |
 *विद्यालय के बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में  प्रतिभाग कर प्रमाण पत्र प्राप्त किए |
 * यूट्यूब चैनल द्वारा विद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों प्रसारण किया गया |
 *सितंबर 2020 में उद्घोष टीम के द्वारा टीचर आइकॉन अवार्ड प्रदान किया गया |
*स्वरचित कविताओं  और कहानियों के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है 
*विद्यालय में बच्चों का लेख बहुत ही उत्तम हुआ है |

उद्देश्य-
तन मन धन से विद्यालय के बच्चों के शैक्षिक उन्नयन के लिए सदा प्रयास करती रहूँगी |
दीपिका गर्ग
सहायक अध्यापिका
महोबा
उत्तर प्रदेश






























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