स्कूल _शा.प्रा.सिरसा खुर्द
जिला _दुर्ग छ. ग.
फोन _8349056256
, 8349533005
आमतौर पर घुमंतु समुदाय से हर व्यक्ति वाकिफ है। अमूमन देश के कोने-कोने में नुक्कड़ पर नाच गाना का पर्दशन और तमाशा दिखाना के नाम से इन्हें जाना जाता है। समुदाय से जुड़े सदस्यों का जीवन रंग बिरंग होता है । यही कारण है पेट की आग बुझाने ये परपरागत व्यवसाय को नहीं छोड़ते। शिक्षा को महत्व नहीं देते। इनकी परवरिश ऐसी होती है कि ये स्कूली शिक्षा से विमुख हो जाते हैं।
दुर्ग जिला मुख्यालय से महज 9 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सिरसा खुर्द में घुमंतु समुदाय की बस्ती है। यहां रहने वाले को सपेरा के नाम से जाना जाता है । ये स्वयं को छत्तीसगढ़ी पहाड़ी गोंड जाती का होना बताते है। इसी बस्ती के बच्चो को मैं शासन की योजना "सब पढ़े सब बढ़े" के तहत 2018-19 से शिक्षा देना शुरू किया है । जो अनवरत जारी है। इस वर्ष भी शासकीय प्राथमिक स्कूल सिरसा खुर्द में विशेष कक्षा लगाई जा रही है।
दरअसल शुरआत में कुछ बच्चों को स्कूल में दाखिला अवश्य कराया गया, लेकिन बाद में बच्चों की सुध नही ली। अशिक्षा, वस्वछंद विचारधारा के कारण अन्य सामान्य बच्चे की विचारधारा के साथ सपेरा बस्ती के बच्चे आपस मे घुल मिल नही पाए। यही कारण था कि बच्चे वैचारिक रूप से बहिष्कृत हुए, और बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया। तब मैंने बच्चो को दोबारा स्कूल लाने का संकल्प लिया। दरअसल यह मेरे लिए चुनौती से कम नहीं था , क्योंकि ये बच्चे स्वछंद विचारधारा वाले समुदाय से नाता रखते है। 5 घंटा एक जगह बैठना सजा समझते थे। तब मैंने इस बस्ती के सभी बच्चों को एक ही कक्षा मैं उम्र के आधार पर शिक्षा देना शुरू किया। नवाचार करने के लिए और बच्चों को स्कूल लाने के लिए कई तरह का प्रयोग किया।
शुरुआत में बच्चों की संख्या काफी कम था। दर्ज संख्या को बढ़ाने मैं बस्ती पहुंची और मलिन बस्ती में रहने वाल अभिभावकों को समझाया । बस्ती में नुक्कड़ सभा के अलावा कक्षा लगाई व नवाचार का प्रयोग किया, तब कहीं जाकर बच्चे पूरे वर्ष स्कूल आए। स्कूल में मैंने सपेरा बस्ती के उन अभिभावकों को बुलाया जिनके बच्चे स्कूल आते है । उन्हें तब खुशी हुई जब उन्हें उनके बच्चे किताब पढ़ते मिले । मैं दिखाना चाहती थी जो अभिभावक अपने बच्चों से भिक्षा मंगाते थे आज वे पढ़ना सीख गए। मैंने बच्चों के साथ मिलकर मलिन सपेरा बस्ती में जयंती विशेष पर कई कार्यक्रम किये
इस वर्ष 2020_21 मे विभाग को 35 बच्चो की सूची दी गयी है बच्चो का सारा खर्च का निर्वहन मै खुद करती हु।
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