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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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GSM TEACHER - पढ़ाई को रुचिकर बनाने के लिए कम्प्युटर और मोबाइल के साथ लाउडस्पीकर से तीन पालियों में अध्यापन व्यवस्था करने वाले ANIL KOUSHIK

 नाम - अनिल कुमार कौशिक 

पद   - सी ए सी  बिंझरा 

 शिक्षक एल बी 

संकुल  - बिंझरा 

ब्लॉक - कटघोरा 

जिला -कोरबा 

मैने अपने सेवा की शुरवात 2005 मे  प्रोन्नत मा शा बिंझरा के उन्नयन के साथ  कक्षा 6 वी के  40 बच्चों के साथ एक  कमरे से  की और आज 110बच्चे  सर्वे सुविधा युक्त आदर्श  मा शा बिंझरा मे सामुदायिक सहभागिता के सहयोग से आगे बढ़ रहे हैँ, मेरे द्वारा  2015 से राज्य स्तर का मास्टर ट्रेनर के रूप मे कार्य कर रहा हु, मै सतत व व्यापक मूल्यांकन, शाला सुरक्षा, रूम टू रिड एवं विभिन्न विषयो का   मास्टर ट्रेनर व जिला स्तर का मास्टर ट्रेनर का कार्य कर रहा हु  सत्र 2016  मे मुझे  मुख्यमंत्री ज्ञान दीप पुरुस्कार  प्राप्त हुआ 

 सत्र 2016-17 मै संकुल शैक्षिक समन्वयक बिंझरा के रूप मे कार्य रत   हु  शैक्षिक समन्वयक  कार्य करते हुए सबसे बड़ी चुनौती की संकुल के समस्त स्कूल को ए पी जे अब्दुल कलाम गुडवत्ता मे ए ग्रेड मे लाना था  मैने  संकुल के सभी स्कूलों की 2 वर्ष की कार्य योजना बना कर 2018-19 मे संकुल के समस्त 09 प्रा शा व 4 मा शा को A  ग्रेड के स्तर पर लाने मे सफलता हासिल की ,  मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही हैँ की मुझे 2019-20 मे कोरबा जिला का बेस्ट सी ए सी का पुरुस्कार शिक्षक दिवस पर प्राप्त हुआ 

        मार्च 2020 से कोवीड 19 से हमारा स्कूल बंद हो गया फिर अप्रैल 2020 से ज़ब पढ़ाई तुहर द्वार पोर्टल लांच हुआ तो मैंने संकुल के समस्त बच्चों का पंजीयन पोटर्ल पर कर वर्चुल कक्षा बना कर हमऑनलाइन कक्षा हेतु प्रयास रत थे पर लाक डाउन की स्थिति मे हमें ऑनलाइन कक्षा मे बच्चों को जोड़ने मे विभिन्न समस्या जैसे सभी के पास मोबाइल की अनु प्रबधलता, नेटवर्क, सिम्पल मोबाइल, एव जागरूकता की कमी के कारण बच्चे 20% ही जुड़ रहे थे तो हमने फिर वॉट्सप के माध्यम से शिक्षकों द्वारा वीडियो व विभिन्न tlm का वीडियो बना कर बच्चों को जोड़ना का प्रयास किया,

 शिक्षकों की मेहनत रंग लाई औऱ अब हमें 50-60% बच्चे हमारे ऑनलाइन व वाट्सअप से जुड़ रहे थे फिर ज़ब मै भी बस्तर के नवा चार लाऊड स्पीकर के प्रयोग को देखा तो मुझे भी यह अच्छा उपाय लगा तो मै ने अपने संकुल के अन्तर्गत ग्रामपंचायत के सरपंच व जन प्रतिनिधयों से बात की तो मुझे 04 स्कूलों के लिए  लाऊड स्पीकर प्रदान किया गया जो कटघोरा ब्लॉक के लिए एक शुरुआत हुई लाऊड स्पीकर  से पढ़ाई की शुरुआत थी

 जो  हमारे संकुल से प्रांरभ हुई  एवं  शेष विद्यालय  के शिक्षकों द्वारा स्व इच्छा से  पढ़ाई पारा मुहल्ला स्कूल   की शुरुआत किये जिसमे मुझे बताते हुए ख़ुशी हो रही की संकुल के 100% बच्चे  किसी न किसी माध्यम से जुड़ रहे हैँ औऱ हमारे संकुल के कार्य को देख कर अन्य संकुल व विकास खंड पर लाऊड स्पीकर व पारा मुहल्ला की स्कूल चल रही हैँ औऱ अब हम  पढ़े लिखे बच्चों के माध्यम से हमारे बच्चों को  पढ़ाने हेतु शिक्षा सारथी भी तैयार कर रहे हैँ मेरा आगे भी प्रयास हैँ की कोविड़ को ध्यान मे रखते हुए हम विभिन्न नवाचार के माध्यम से बच्चों से जुड़ कर शिक्षा का प्रकाश फैलाते रहुl 

     हमारे जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमान सतीश पाण्डेय जी के कुशल मार्गदर्शन व विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री डी लाल के नेतृत्व से हम आगे बढ़ रहे हैँ l 

             






     

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