-->

WELCOME

शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

नवाचारी ग्रुप

        

Breaking News

Random Post

GSM TEACHER - कपड़े सिलने और मिट्टी से कृति बनाना सीखने वाले शिक्षक CHETAN SINGH RAJPUT

नाम- चेतन सिंह राजपूत
पद- सहायक शिक्षक (पंचायत)
स्कूल-शासकीय प्राथमिक शाला कापादह
विकास खण्ड- पंडरिया
जिला- कबीरधाम
राज्य- छत्तीसगढ़
मो.नं. - 8120642394

अपने विद्यालय के बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करने के लिए बच्चों के पालकों से घर घर जाकर स्कूल की बातें घर तक पहुंचाया, बच्चों के पढ़ाई के विषय में बालकों से निरंतर जानकारी लिया ,बच्चों की प्रगति पलकों को बताया, घर में उनकी माताओं को बच्चों की पढ़ाई पर जोर देने के लिए प्रेरित किया, उन्हें सभी बैठक में आने के लिए और अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया इसे पालकों की रूचि विद्यालय के प्रति बड़ी और बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुझान देखने को मिला ।पालकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए रैली निकालकर भी उन्हें प्रेरित किए पालकों का स्कूल में पूर्ण सहभागिता  रहता है पालक घर में बच्चों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं उन्हें तैयार करके अब रोज  स्कूल भेजते हैं और घर में भी गृहकार्य पूर्ण कराते हैं। इससे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति  में बृद्धि हुआ है।
स्वयं करके सीखने के लिए प्रेरित करना:- बच्चों को पुस्तकिय ज्ञान पुस्तक से प्राप्त हो जाता है लेकिन उन्हें नैतिक शिक्षा और वास्तविक ज्ञान से परिचय कराना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि कुछ चीजें ऐसी होती है जिसे बच्चे कल्पना शक्ति के द्वारा ही समझते हैं। इन सब को देखते हुए मैंने ग्राम के कुम्हार, दर्जी, कपड़ा का थान बनाने वाले ,कंप्यूटर की जानकारी देने वाले लोगों से संपर्क कर उन्हें बच्चों को बताने के लिए कहा। विद्यालय समय में छुट्टी का समय बच्चों को लेकर  मिट्टी के विभिन्न प्रकार के कलाकृति बनाने वाले कुम्हार के यहां ले गया वहां कुम्हार ने चरण दर चरण बच्चों को कलाकृति बना करके बताएं उसकी विस्तृत जानकारी भी दिए अब बच्चे स्वयं मिट्टी के बर्तन बना लेते हैं । इसके बाद दर्जी के पास ले जाकर बच्चों को मशीन के बारे में और कपड़े सिलने की जानकारी प्रदान किए। आज के युग में कंप्यूटर का ज्ञान बहुत आवश्यक है इसके लिए कंप्यूटर चलाने वाले के यहां ले जाकर के कंप्यूटर का ज्ञान बच्चों को दिलवाया इसके साथ ही साथ मोबाइल और यूट्यूब के माध्यम से वीडियो और चित्र दिखाकर के बच्चों को अवधारणा स्पष्ट करवाते हैं अब बच्चों को स्वयं करके सीखते हैं।
शिक्षा सत्र आरंभ होते ही स्वच्छता, चित्रकला, रंगोली ,कक्षा में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले, अनुशासन ,खेलकूद आदि 15 प्रकार के क्षेत्रों में जो बच्चे पूरे सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं उन्हें 26 जनवरी में पुरस्कृत करना शुरू किया। जिससे सभी बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हुई व बच्चे बढ़ चढ़कर सभी क्षेत्रों में हिस्सा लेने लगे। वहीं क्षेत्रों में पूर्णतः सुधार आया।


विद्यालय के बच्चे अपने थैले में पाठ्यपुस्तक को थाली दोनों एक साथ में रख कर आते इससे बच्चों के कॉपी व पुस्तक को रखने में समस्या होता व कापी पुस्तक के कवर फट जाते कई बच्चों का पुस्तक दो हिस्सों में बट जाता तब मैंने सोचा कि पुरस्कार से प्राप्त राशि का सदुपयोग किया जाए मैंने सभी बच्चों के लिए थाली लिया और बांट दिया सभी बच्चे थाली पा करके गदगद हो गए ।इसके अलावा प्रतिवर्ष मैंने अत्यंत निर्धन व जिनके पिता नहीं रहते ऐसे बच्चों को शिक्षा सत्र आरंभ होते ही पाठ्य सामग्री वितरण करना शुरू किया इससे मुझे आत्मीय खुशी का अनुभव होता है। जिन बच्चों के पाठ्य पुस्तक का जिल्द फट जाता है उन्हें कबाड़ से जुगाड़ पर आधारित अखबार का जिल्द लगाने हेतु वितरण करते रहना अच्छा लगता है ।
बच्चों के साथ मिलकर किचन गार्डन का विकास किया, विद्यालय सौंदर्यीकरण हेतु फूलों की बागवानी किया ।जिससे बच्चों का मन प्रफुल्लित हो उठा व विद्यालय की सुंदरता बढ़ी।
विद्यालय को सजाने शैक्षिक वातावरण का निर्माण करने हेतु दीवारों पर कक्षा अनुरूप वॉल पेंटिंग किया व बच्चों के सहयोग से ड्राइंग शीट पर चित्रकारी करवाया।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मान   1. विकासखंड स्तरीय शिक्षक अलंकरण 2018       2. राजपूत छत्रिय समाज लोरमी द्वारा "शैक्षिक व नवीन सृजनात्मक "कार्य हेतु महाराणा प्रताप शिक्षक अलंकरण शौर्य पुरस्कार 2018      3. समुदाय द्वारा 26 जनवरी 2018 में सम्मानित।
4. मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण 2019 शिक्षा दूध पुरस्कार जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला प्रशासन द्वारा।  5. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य क्षमता हेतु पुरस्कृत। 6. जिला स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता में सहभागिता प्रमाण पत्र।
शाला प्रबंधन समिति ,पंचायत,  पालक, विद्यार्थी और नव युवा साथियों के साथ मिलकर विद्यालय प्रांगण की सुंदरता एवं वातावरण में शुद्धता के उद्देश्य से वृहद वृक्षारोपण किया गया व अवकाश के दिनों में भी उसकी अनुरक्षण का जिम्मा लिया गया ।
स्वच्छता अभियान चलाना।
बच्चों को सभी जयंती व त्यौहार से परिचय कराने के लिए प्रत्येक जयंती मानते हैं । व विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं । पालकों को आमंत्रित करके उन्हें बच्चों को जानकारी देने को कहते हैं । जिससे शाला समुदाय के मध्य मधुरता का संबंध स्थापित हुआ है 
बच्चों के पढ़ाई को रुचिकर बनाने हेतु कबाड़ से जुगाड़ पर आधारित नए-नए आकर्षक TLM  तैयार कर बच्चों को शिक्षा दी जाती है।

हम सभी जानते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बदलाव हो रहा है जिसके अनुरूप स्वयं के बदलाव हेतु मैं सभी विभागीय प्रशिक्षण में निरंतर भाग लेता हुँ।अपने विभाग व विद्यालय द्वारा दी जाने वाली सभी जिम्मेदारी को तन्मयता के साथ निभाने का भरसक प्रयास करता हूं मैंने अपनी दक्षता वृद्धि हेतु D.Ed के साथ ही समय-समय पर आयोजित होने वाले ऑनलाइन कोर्स स्कूल लीडरशिप ,बाल उत्पीड़न, मोबाइल पर बेहतरीन वीडियो बनाए आदि विभिन्न कोर्स में भाग लिया हूं। अपनी दक्षता बढ़ाने हेतु ऑनलाइन क्वीज पर सदैव भाग लेता हूं साथ ही अन्य शिक्षक साथियों को भी भाग लेने हेतु प्रेरित करता हूं।












No comments:

Post a Comment