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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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GSM TEACHER - RAJENDRA JAISWAL , पालकों, शिक्षकों व नागरिकों में शैक्षिक समन्वय स्थापित कर विद्यालय विकास योजना के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां हासिल करने वाले


शिक्षा के क्षेत्र में प्रख्यात रहे  स्वर्गीय श्री बच्चूलाल जायसवाल जब बिलासपुर में  सन 1964 में B.Ed कर रहे थे तब चौथे पुत्र जन्म  11 नवंबर 1964 को जन्म लेने वाले राजेन्द्र कुमार जायसवाल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है 

सन्  उन्नीस सौ चौरासी में इन्होन् कक्षा ग्यारहवीं हायर सेकेंडरी स्कूल मेरिट में  पूरे बिलासपुर संभाग में दसवां स्थान प्राप्त किया उसके बाद चॉपा के कॉलेज में ही उन्होंने BA एवं MA शिक्षा प्राप्त कर राजेंद्र जायसवाल शिक्षा विभाग में ही शिक्षा देने 13 मार्च 1987 को  नौकरी प्राप्त कर ली अध्यापन कार्य के दौरान उन्होंने जिला  अधिकारी जांजगीर चांपा के द्वारा अध्यापन कार्य में विशेष पुरुस्कार प्रदान कर प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया उसी तरह भारत सरकार के अल्पबचत में  लक्ष्य निर्धारण में सहयोग करने अल्पबचत शाखा के अपर कलेक्टर द्वारा पुरस्कृत किया गया शिक्षा के रीति नीति  अनुसार सन 2010 में  इनका अध्यापन कार्य  एवं अनुशासन  को देखते हुए  जिला शिक्षा अधिकारी  जांजगीर चांपा के द्वारा  राज्यपाल पुरस्कार हेतु  अनुमोदन किया गया  तत्पश्चात  राज्य के शिक्षा सचिव  द्वारा  उनको चयन किया गया  5 सितंबर सन 2011 हो  माननीय राज्यपाल  श्री शेखर दत्त  के कर कमलों द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया 6 सितंबर 2011 को शिक्षकगण, जिला शिक्षा अधिकारी, विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं नागरिक गण के द्वारा यह सम्मान किया गया अभी भी इनका शिक्षकीय कार्य बहुत ही अनुकरणीय है होने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर चांपा द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार हेतु सन 2013 में प्रस्ताव भेजा गया श्री राजेंद्र जायसवाल शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे प्रशस्ति पत्र प्राप्त किए हुए हैं इनको 5 अक्टूबर 2018  को  राष्ट्रीय शिक्षा रत्न , भारत से सम्मानित हुआ,और उन्हें ग्लोबल टीचर कॉन्फ्रेंस के सदस्य के रूप में चयनित किया गया, इनके द्वारा सन 2005 में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के उपाय का चलित मॉडल बनाया गया व शोध किया गया है चलित मॉडल जाजल्वादेव मेला जांजगीर-चांपा में प्रस्तुत किया गया के बाद चलित मॉडल को देखकर राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान अहमदाबाद गुजरात के द्वारा इन्हें प्रारंभिक वैज्ञानिक के नाम दर्ज किया गया इसी तरह से समाज में अखिल भारतीय जायसवाल कलार समाज में कोषाध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया, मित्र मंडली देखें तो और भी गर्व महसूस करेंगे 

1. कृष्णकुमार देवांगन जी जिनके पिताजी द्वारा टाउन प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला को दान में  दे दिया और आज तिलकराम बूंद राम देवांगन शासकीय कन्या टाउन पूर्व माध्यमिक शाला चांपा के नाम से जाना जाता है,2. किशोरी लाल देवांगन जी इनको चांपा  के कौन व्यक्ति नहीं जानता 3. पुरुषोत्तम लाल विश्वकर्मा जी जिनका सालिक फैब्रिकेशन है, 4. चंद्र कुमार देवांगन, हितेश देवांगन कोसा कलेक्शन, अशोक सराफ अशोक ज्वेलर्स इस तरह से इनका मित्र मंडली भी नामी व्यक्तियों के साथ है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ में नगर इकाई चांपा में अध्यक्ष सन 2000 से सन 2005 तक रहे उसके पश्चात संगठन में 2006 से सन 2008 तक जिला प्रवक्ता व सन 2009 से 2010 तक जिला मीडिया प्रभारी छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ व सन 2011 से 2013 तक सहसचिव सन 2014 से आज तक जिला उपाध्यक्ष के रूप में हैं  इनके द्वारा WhatsApp ग्रुप का निर्माण किया गया है शिक्षकों की समस्या को देखते हुए शिक्षकों की निदान करने हेतु शिक्षक समस्या निदान ग्रुप का निर्माण किया दूसरा समस्त शिक्षक को साथ में रखने के लिए शिक्षक साथी ग्रुप निर्माण किया इसी तरह से समाज के लिए भी प्रगतिशील जायसवाल कलार समाज का ग्रुप बनाया जो आज अच्छे ढंग से संपादित हो रहे हैं इस तरह से इनका कार्य बहुत ही सराहनीय रहता हैं यही ही नहीं शिक्षकों की हर समस्या को हल करते हैं साथ ही साथ पर्यावरण नव जागृति संगठन के अध्यक्ष भी हैं इसी तरह इनका दायित्व हर क्षेत्र में है आज वर्तमान में अपने विद्यालय तिलकराम बूंद राम देवांगन शासकीय कन्या टाउन पूर्व माध्यमिक शाला चांपा में भी पार्षद निधि ₹200000 स्वीकृत कराकर मॉडल स्कूल की तरह पूरे भवन में ,बाउंड्री वॉलो में चित्रों से सजाने के लिए भी इनका प्रमुख सहयोग  रहा है। 

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