(1) पिछले वर्ष मिले मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण की राशि से साउंड सिस्टम क्राय कर उसका उपयोग बच्चों के अभिव्यक्ति क्षमता के विकास के उद्देश्य से सप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता करा कर बाल सभा का आयोजन कर इसका उपयोग किया l
इसके अलावा विद्यालय में नवाचार की कुछ बिंदुओं को मैं आपके बीच साझा करना चाहूंगा:-
(1) विद्यालय को आकर्षक लुक देने के लिए सबसे पहले विद्यालय के बाहरी दीवार पर ट्रेन का लुक दिया जिससे बच्चों में एवं समुदाय में स्कूल के प्रति आकर्षण बढ़ाl
(2) कई फोटोकॉपी दुकान से A4size के पेपर के कवर को एकत्रित कर(for book covering) बच्चों की उपस्थिति को सुधारने के उद्देश्य से बच्चों के बीच में प्रति योगात्मक गतिविधि के द्वारा जो बच्चे पूर्ण माह शाला में उपस्थित हुए उन्हें वितरित किया गया जिससे बच्चों में स्कूल आने की रुचि बढ़ीl
(3) उपस्थिति में नवाचार के तहत यस सर के स्थान पर प्रतिदिन कभी जिलों के नाम कभी फलों के नाम फूलों के नाम इस तरह से अल्टरनेटिव जानकारी को समाहित कर उपस्थिति लिया गया जिससे 1 बच्ची को तो छत्तीसगढ़ के सारे जिलों के नाम याद हो गए हैंl
(4) घर में पड़े मैरिज कार्ड का उपयोग पेपर के रूप में तथा बच्चों के द्वारा उसके ऊपर ड्राइंग बनाकर क्लास रूम में तार की जाली में लगाया गया l
(5) 5 लीटर तेल के प्लास्टिक के डिब्बे हम सभी के घर में पड़े रहते हैं इसका उपयोग मैंने गमले के रूप में किया और बच्चों को नंबरिंग कर कर बांट दिया जिन बच्चों की उपस्थिति सबसे अच्छी थी उन्हें choose करने का पहले मौका दिया इस तरह से अपने पसंद का गमला अथवा पौधा लेने की जिज्ञासा से बच्चों में उपस्थिति मैं सुधार होने लगा l
(5) हमारे विद्यालय में बागवानी एवं सब्जी की भी तैयारी की गई जिसके वजह से आज आम नींबू जामुन आंवला अमरूद इमली केला मुनगा आदि विद्यालय की शोभा बढ़ा रहे हैं l
(7) हमारे विद्यालयों में वितरित किए जा रहे सोया दूध और सोया बड़ी से से निकलने वाला पॉलीथिन वातावरण को दूषित करता है बच्चों ने ने डोर मेट जैसे चीजों को बनाने का प्रयास कर इसका सदुपयोग करने की इच्छाशक्ति दिखाई है l
नवाचार की सारी बिंदुओं से यह स्पष्ट हो जाता है की इसमें किसी भी तरह का कोई लागत ये सारी चीजें हमारे आसपास उपलब्ध है
प्रमोद कुमार साहू सहायक शिक्षक
प्राथमिक शाला गौटियापारा गोपीपुर
संकुल :-अगस्तपुर
जिला;- सूरजपुर
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