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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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जहां चाह वहां राह- सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल दी शिक्षक ने


जहाँ चाह वहाँ राह बात 6 माह पूर्व की जब मैं शा.प्राथमिक शाला गोंगल में स्थानांतरण से आया तब देखा कि यहाँ पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे गरीब परिवार से तालुक रखते है जिसके पास न तो ठीक से बैग थे ना ही पाठ्यपुस्तक को छोड़कर अन्य पठन सामग्री और इनके परिवारों का वातावरण भी शैक्षिक नही था।जिससे बच्चे पठन में रुचि नही ले रहे थे। फिर मैंने सोंचा क्यो न शाला व शाला परिषर में प्रिंचरिच वातारण का निर्माण किया जाए  जिससे बच्चों  में एक प्रकार से शैक्षिक वातावण बना सके पर बात यह आई कैसे करे फिर मैंने सोचा कहते है जहाँ चाह वँहा राह इसी राह के लिए हमने जन समुदाय को प्रधान पाठक के सहायता से शाला से जोड़ा जिसका परिणाम मुझे मात्र 6 माह में मिला आज हमारा स्कूल प्रिंटरिच वातावरण से परिपूर्ण है और बच्चे पहले के अपेक्षा अब सीखने में ज्यादा रुचे ले रहे है। जैसे गोला आकृति के माध्यम से हिंदी एवं अंग्रेजी शब्दो का निर्माण बिल्लस खेल के माध्यम से सम विषम संख्या का ज्ञान विभिन्न प्रकार के डिब्बो से संख्या निर्माण पहाड़ा बनाना जोड़ करना घटाना भाग करना सीखना प्रिंचरिच वातावरण से बच्चे रुचि लेकर एवं जल्दी सीख रहे है शाला एवं जनसहयोग से स्कूल में बच्चो को नि:शुल्क जूता,बैग,बेल्ट टाई,कापी पेन दिया गया है जिससे बच्चों के उपस्थित दर भी बढ़ा है साथ ही प्रतिमाह बैठक कर स्कूल गतिविधि पर चर्चा किया जाता है यहाँ जनसहयोग से किचन गार्डन का निर्माण किया गया है | जिसमे पालक भाजी,लाल भाजी,लगाया गया है।इसके साथ ही बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए जन सहयोग से मंच का निर्माण किया गया है ।मेरे द्वारा प्रत्येक रविवार को नवोदय का निःशुल्क कोचिंग गृह ग्राम दुरुगपाली में दिया और 135 बच्चों का दक्षता आकलन के लिए नवोदय परीक्षा लिया गया जिसमें सभी के लिए मेरे द्वारा चाय नास्ता की व्यवस्था भी की गई थी और इस परीक्षा में प्रथम, द्वतीय ,तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को मेरे द्वारा पुरुस्कृत किया गया। अब हमारे शाला का अगला लक्ष्य दर्ज संख्या में वृद्धि करना है और समुदाय को यह बात बताना है कि अब हमारा सरकारी स्कूल किसी प्रायवेट स्कूल से अच्छा है ।


*लुकेश्वर सिंह ध्रुव*
*सहायक शिक्षक*
*शा.प्राथमिक शाला गोंगल*
*विकासखण्ड व जिला महासमुन्द(छ.ग.)*

3 comments:

  1. 👌👌👌बहुत खूब सर जी अनुकरणीय एवं सराहनीय कार्य है

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