लइका चिड़िया चहकत हे।
काय पढ़ाही गुरूजी हर
टी वी कोति लहकत हे।।
नवा नवा खेल खिलौना
नवा विधि के पढ़ना लिखना।
बिना पुस्तक के गयान से सजना
देख के सब ल रट के रखना ।।
वैज्ञानिक के युग हर आगे
काबर पाछू तैहर जाबे ।
तुहर समझ लें ज्यादा गुरूजी
लइका म तो पूरा आगे।।
देख लइका ल सोंच म परगे
कइसे पढ़ाबे मन हर रुकगे।
ये बटन दबा के टी वी चलादे
भूले जगह ल पूरा पढ़ादे।।
जय करही तोर लइका गुरूजी
नाम कमाही स्कूल हर।
दाई ददा के आशीष पाके
लइका फूलही स्कूल म ।।
🌹चितेश्वर प्रसाद वर्मा🌹
🌹 कसडोल 🌹🙏🙏
No comments:
Post a Comment