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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

नवाचारी ग्रुप

        

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SMT. SMRITI DUBEY

 "

**_जब *  दिमाग* कमजोर* होता है* 

 तब *परिस्थितियां समस्या बन जाती है 

 जब दिमाग स्थिर होता है तब परिस्थितियां चुनौती बन जाती है**

 जब दिमाग मजबूत हो ती है तब परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं *"* 

 

वर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी ने जहां हम सबको अपने अपने घरों में कैद करके रख दिया है परंतु हमारे सृजनशीलता हमारी क्यूरियोसिटी हमारी सोच पर इसका असर कितना होगा, यह स्वयं हम तय करेंगे ।इस भीषण महाबंधन की अवस्था में मेरे छात्रों द्वारा थोड़े से मार्गदर्शन में जो क्रिएटिविटी की गई है उसे मैं आप लोगों के समक्ष शेयर कर रही हूं और सबसे खुशी की बात बताना चाहती हूं की कक्षा नौवीं के छात्रों ने स्वयं का व्हाट्सएप ग्रुप खुद बनाकर मुझे उस ग्रुप में ऐड किया ।

शिक्षा का उद्देश्य है सही रिश्तो की स्थापना केवल व्यक्तियों के बीच ही नहीं बल्कि व्यक्ति और समाज के बीच भी 

 ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता 

 जो टूट जाए वो संकल्प नहीं होता

 हार को लक्ष्य से दूर ही रखना

 क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता







लखनऊ में युवा वैज्ञानिकों का महाकुंभ सम्पन्न राष्ट्रपति ने कर कमलों से हुआ उद्घाटन
     देश विदेश के बाल वैज्ञानिक एवं शिक्षकों ने किया शिरकत

इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ से हायर सेकंडरी स्कूल अमलेश्वर के विद्यार्थी हुए शामिल

विज्ञान को जन आंदोलन बनाने के लिए चार दिवसीय विज्ञान महाकुंभ इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2018 का शुभारंभ लखनऊ में किया गया ,
       लखनऊ में पहली बार हो रहे साइंस फेस्टिवल में देश के साथ साथ 36 अन्य देशों के लगभग 10000 वैज्ञानिक, युवा वैज्ञानिक, विज्ञान के शिक्षक हुए,  लगभग 2500 बाल वैज्ञानिको ने शिरकत किया। साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने  जानकारी दिया कि देश में इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा  दिए जाने के लिए विज्ञान महोत्सव में देशभर से चुने गए करीब 200 स्टार्टअप ने शिरकत किया, इनसें युवाओं को सीखने का मौका मिला कि कैसे छोटे-छोटे इनोवेशन और आइडिया को कमाई के अवसर में बदला जा सकता है, 800 महिला वैज्ञानिकों व उद्यमियों ने भी अपने शोध और तकनीक  विकास का प्रदर्शन विज्ञान महोत्सव में किया,  मुख्य कार्यक्रम स्थल इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सम्पन्न हुआ । 
      भारत नव निर्माण के लिए प्लास्टिक उत्पादकों का विकल्प, बच्चों की साइबर अपराध से सुरक्षा, भूगर्भ जल संकट पर का समाधान, जल में बैक्टीरिया जैसी विषाक्तता  से मुक्ति, वायु प्रदूषण से निपटने की तकनीक, स्मार्ट घरेलू बिजली खपत प्रबंधन आदि विषयों पर अनुसंधान का  मुख्य फोकस रहा।
        स्कूल की व्याख्याता स्मृति दुबे एवं 🌀🌀🌀🌀  के नेतृत्व में हायर सेकेंडरी स्कूल अमलेश्वर, पाटन से बाल वैज्ञानिकों का एक दल फेस्टिवल में सम्मिलित हुआ।
विद्यालय के विज्ञान शिक्षक स्मृति दुबे ने बताया कि इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल अपने आप मे एक अनूठा महोत्सव था विद्यालय के बच्चों एवं स्वयं शिक्षकों को विज्ञान के अनछुए पहलुओं को समझने का मौका मिला ।
       विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि इस प्रकार के विज्ञान फेस्टिवल से बच्चों के अंदर छुपी वैज्ञानिक प्रतिभा का विकास होता है।















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