जब फास्ट फूड खाने की बात हो, तो बच्चे ललचाते हैं। इसे बनाने में कम समय लगता है और बाजारों में भी यह सरलता से मिल जाता है। बच्चे फल, सूप या अंकुरित वस्तुएं खाने के बदले फास्ट फूड खाना पसंद करते हैं। नूडल, बर्गर और पिज्जा की बड़ी मांग है। यद्यपि ये बनाने में बड़े आसान हैं, फिर भी यह हमारे लिए हानिकारक है। इनमें हमारे शरीर के लिए अच्छी पोषण उपयोगिता नहीं होती। बहुत से शोधकर्ताओं ने सिद्ध किया है कि इन खाद्य पदार्थों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इन्हें तेल में तलकर पकाया जाता है, जो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इससे हम मोटे हो सकते हैं। मोटापे से मधुमेह और उच्च रक्तचाप हो सकते हैं। जो बच्चे अधिक फास्ट फूड खाते हैं, उन्हें जीवन शैली से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती है, जैसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप। उनका विकास उन बच्चों की अपेक्षा अधिक प्रभावित होगा, जो पौष्टिक भोजन कहते हैं। लोग पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण कर रहे हैं और घर पर बने खाने के स्थान पर फास्ट फूड को वरीयता दे रहे हैं। यह पश्चिमी सभ्यता को अपनाने के लिए गंभीर दुष्प्रभाव में से एक है।
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