मैसूर के सुल्तानों में हैदर अली का नाम बहुत विख्यात है। हैदर अली के पुत्र का नाम टीपू सुल्तान था। उसका जन्म सन 1753 ईस्वी में हुआ था। टीपू की आयु लगभग 3 वर्ष रही होगी, जब हैदर अली की मृत्यु हो गई। उस समय भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था। बड़ा होने पर टीपू को मैसूर की सेना का सेनापति बनाया गया। वह स्त्रियों का बहुत सम्मान करता था। वह सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास करता था। टीपू विद्वानों का बहुत आदर करता था। उसके राज्य में कोई शराब नहीं पी सकता था। वह शिक्षा पर विशेष ध्यान देता था। उसने रहस्यवाद पर 115 पुस्तके लिखी। इसके अतिरिक्त उसने जल सेना के प्रबंध पर भी उल्लेखनीय कार्य किया था। टीपू में मातृशक्ति कूट-कूट कर भरी थी। टीपू हिंदू मुस्लिम एकता में विश्वास करता था। उसके दरबार में कई हिंदू मंत्री थे। उसने भारत को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया परंतु अन्य राजाओं के धोखे के कारण टीपू अंग्रेजों को न हरा सका। इतने पर भी टीपू ने एक वीर सिपाही की तरह मौत को गले लगाया।
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