पूनम की रात थी। सड़क पर तेज चांदनी फैली थी। मैं धीरे-धीरे टहल रहा था। अचानक मुझे सीटी की आवाज सुनाई पड़ी। पहले मैंने सोचा यह कोई मुझ जैसा ही देर शाम को सैर करने वाला लड़का है। सीटी की आवाज ऊंची और प्रसन्नता भरी थी। अचानक साइकिल पर सवार एक लड़का मेरी बगल से तेजी से गुजरा। मैं उसका चेहरा देख नहीं पाया। कुछ ही मिनट में वह वापस लौट आया। इस बार वह मुझसे कुछ फुट की दूरी पर रुका और मेरी ओर मुस्कुराया। वह दुबला-पतला 14 साल का-सा लग रहा था। वह एक स्कूली ब्लेजर, एक टोपी और एक स्कार्फ पहने था। उसकी आंखें चांदनी जैसी ही चमकीली और ठंडी थी। "तुम्हारी साइकिल पर घंटी नहीं लगी है", मैंने कहा। वह कुछ नहीं बोला। मैंने अपना हाथ बाहर निकाला। पर उसने उसे नहीं थामा। फिर अचानक ही वह तेजी से निकल गया। अगले दिन मुझे बताया गया कि वह सिटी वाला लड़का एक भूत था।
Question 1 of 5
किस्सा सुनाने वाला लड़के का चेहरा क्यों नहीं देख पाया?
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