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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

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गद्यांश 27 सिकंदर की भेंट एक संत से

 सिकंदर की भेंट एक संत से हुई। संत एक खुरदरी घास की चटाई पर बैठा धूप सेंक रहा था। सिकंदर उसके सामने खड़ा हो गया और सोचने लगा कि संत उसे प्रणाम करेगा, पर उसने ऐसा नहीं किया। इसके बदले उसने कहा, "कृपया एक और को खड़े हो जाओ, धूप को मुझ तक आने दो।" सिकंदर ने गुस्से से पूछा, "जानते हो मैं कौन हूं?" संत ने कोई जवाब नहीं दिया। "मैं एक सम्राट हूं-सिकंदर महान।" उसने कहा। "सम्राट! तुम! नहीं, तुम नहीं हो", संत ने कहा। "हां, मैं हूं", सिकंदर बोला, "मैंने आधी दुनिया को जीत लिया है।" इस पर संत ने शांतिपूर्वक कहा, "सम्राट तुम्हारी तरह बेचैन होकर नहीं घूमा करते। जाओ, लोगों के दिलों पर प्यार से विजय पाओ।" सिकंदर ने प्रणाम किया और चुपचाप चला गया।

Question 1 of 5

संत ने सिकंदर को एक और को खड़ा हो जाने के लिए क्यों कहा?
वह भक्त नहीं था
वह धूप को आने से रोक रहा था
उसने अनुमति नहीं ली थी
वह बेचैन घूम रहा था

Good Try!
You Got out of answers correct!
That's

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