श्रीमती सेन को आभूषणों का बड़ा शौक था। उनके जन्मदिन के अवसर पर श्री सेन ने उन्हें सोने और हीरों का एक सुंदर हार खरीद कर दिया। श्रीमती सेन ने उस हार को थोड़ी देर पहना और उसके बाद उतार दिया। उन्होंने उसे अपने कमरे की मेज पर रख दिया। उसके बाद वह स्नानागार नहाने चली गई। एक बूढ़ा बंदर उनके घर के पास वाले पेड़ पर चढ़ा और बालकनी से कूद गया। एक खुली खिड़की से वह कमरे के अंदर घुस गया। बंदर को वहां हार मिल गया और उसने उसे अपनी गर्दन पर लपेट लिया। उसके बाद बंदर रहने साइड टेबल पर रखे हुए चॉकलेट और फल खाए। जब श्रीमती सेन स्नानागार से लौटी, तो उन्हें अपना हार नहीं मिला। वे जोर से चिल्ला पड़ी।
Question 1 of 5
चिल्ला पड़ी का अर्थ है
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