शिक्षक:-
सुनो बच्चों, अभी आई एक चिट्ठी है।
तेरह से इकतीस मार्च तक छुट्टी है।।
छात्र:-
गुरुजी क्या कोई नया त्यौहार है।
इतने दिनों की मिली बौछार है।।
शिक्षक:-
चीन देश में जोरों से छाई यह बीमारी है।
फैल न जाए हम तक इसकी तैयारी है।।
छात्र:-
क्या बीमारी है बताइए इसका नाम?
कैसे बचें इससे है क्या करना काम?
शिक्षक:-
सर्दी खांसी से फैला यह वायरस कोरोना है।
मास्क पहनकर बार-बार हाथ को धोना है।।
सिर और गले में दर्द, और होता बुखार है।
कम ताप पर पनपता, फैलता बेसूमार है।।
छात्र:-
क्या नहीं कोई ऐसी दवा या कोई टीका है ?
कोई तो उपाय होगा जो कर सके फीका है?
शिक्षक:-
भीड़-भाड़ जगह ना जाएं,
ठंडी भोजन को ना खाएं ।
नहीं फैलता जब तक कोई,
संक्रमित पास ना आए।।
छात्र:-
इस बीमारी के डर के कारण, लोगों का जीवन खस्ता है ।
बाजारों में बिक रहा अब, मुर्गी का भाव कितना सस्ता है।।
शिक्षक:-
ना खाओ तुम कोई मांस, ना कोई नशापान करो।
भयानक है यह बीमारी, लोगों को सावधान करो।।
छात्र:-
ऐसा कौन-सा काम करें? लोगों को बचाने में ।
गांव-गांव,शहर-शहर, जागरूकता फैलाने में।।
शिक्षक:-
आओ हम सब संकल्प लें,
लोगों को बीमारी से बचाएं ।
गांव-गांव, शहर-शहर में,
जानकारी सब तक पहुंचाएं।।
रचनाकार
दिलकेश मधुकर
9977234838
बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर कविता
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ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteबहुत सुंदर काव्य
ReplyDeleteधन्यवाद
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