लइकन ल अपन जानही,इसकूल ल परिवार।
तन-मन-धन लगाही,त बढ़हि पहिचान।
समर्पित भाव ले सेवा करे से,दुनिया म नाम जगाही........
खेल-खेल म शिक्षा दिही,अऊ घर कस खवाही दार भात।
नवा-नवा तरीका ले सिखाही,अऊ बारी के मिलही साग।
खेलकूद, ज्ञान-विज्ञान म,लइकन इसकूल के मान बढ़ाही.......
धूप-छांव अऊ सरदी गरमी,समय म पहूंचही इसकूल।
दाई-ददा अऊ लइकन संग,नवा योजना बनाही जुरमिल।
नियम-धरम ल पालन करके,बड़े-बड़े ईनाम कमाही......
दिलकेश मधुकर
- निखार
निखार आही जी, निखार आही ना।निखार आही जी, निखार आही ना।
छत्तीसगढ़ के लइकन म, निखार आही ना।।
छत्तीसगढ़ के दस जिला म चलत हावय ये योजना।
का कमी हे लइकन म, ओला हावय खोजना।।
आठवीं नवमीं के लइकन म, सुधार आही ना.....
एस आर जी अऊ डी आर जी मन,सिखावत हे नवा तरीका।
स्तर जाने बर लइकन के,होवत हे बेसलाइन परीक्षा।।
एक,दो, तीन स्तर के,सवाल आही ना......
अट्ठारह दिन के फाऊंडेशन,अऊ अधिगम पैंतालीस दिन के।
छै दिन के समापन अऊ,उनहत्तर सब जुर मिल के।।
हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी म निखार आही ना...
इंडलाइन परीक्षा ले,पहिचान आही ना.....
- सोन चिरईया बेटी
मोर सोन चिरईया बेटी ओ,मोर लाज ल तै बचाबे।
पढ़ लिख के, शिक्षित बन के,जग म नाम कमाबे।।
मोर आंखी के तै हर पुतरी,सब ल रद्दा दिखाबे।
भूले भटके लोगन ल,न्याय के सुरता दिलाबे।।
बेटा बेटी फरक नइय हे,दूनो ल मानेव बरोबर।
जात पात अऊ ऊंच नीच के,झन तै भेद सिखाबे।।
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