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शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

नवाचारी ग्रुप

        

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GSM TEACHER - Kamal Kant Sahu

 


 आज हम ऐसे ही  शिक्षक के बारे में हम बताना चाह रहे है। चिल्हाटी कला निवासी दिव्यांग नवाचारी शिक्षक कमल कान्त साहू जो शासकीय प्राथमिक शाला बड़गांव विकाशखण्ड डौंडी लोहारा जिला बालोद (छ ग)में पदस्थ हैं।वे निःस्वार्थ समर्पित भाव से विद्यार्थियो के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।वे बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के अनुरूप पढाई करा रहे हैं।वे अपने नवाचार से बच्चों में अधिगम क्षमता विकसित कर वैज्ञानिक अभिरुचि पैदा करते हैं।इन्होंने अपने स्कूल को स्मार्ट शाला बनाने के लिए विशेष प्रयाश किये हैं।इनके द्वारा कमजोर बच्चों को अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन कर उपचारात्मक शिक्षण दिया जाता है।इन्हें 2019 में उनके प्रशंसनीय कार्यो को देखते हुए शिक्षाविभाग द्वारा मुख्यमंत्री गौरव अंलकरण से नवाजा जा चूका है।साथ ही कई अन्य संस्थाओ द्वारा भी उन्हें पुरुस्कृत किया जाता रहा है।2014 में दो बार दुघर्टना से उबरते हुए पहले की  तरह परोपकार करने से नही भटके ,वे  अपने स्कुल ही नही बल्कि क्षेत्र के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्प बद्ध हैं।आदर्श शिक्षक की भाँति सभी का मार्गदर्शन करते रहते हैं।कोरोना काल में भी वे अपने शाला के बच्चों से जुड़कर नियमित सुरक्षित तरीके से क्लास ले रहे हैं।गत 4 वर्षो से उनके द्वारा वॉट्सएप्प ग्रुप बनाकर पालको से लगातार संपर्क में रहकर बच्चों को होमवर्क देते रहे हैं। ऑनलाइन ऑफलाइन क्लास भी ले रहे है लेकिन इसमें बहुत सी समस्याएं है जैसे पालको के पास एंड्राइड का मोबाइल न होना,समय पर रिचार्ज का ना होना।नेटवर्क की समस्या जैसे अनेको कारणों को ध्यान में रख इन्होंने की पैड मोबाइल में नवाचार कर पढ़ाने का सोंचा और वर्तमान में बिना इंटरनेट के ही वे फ्री कान्फरेन्स काल एप्प की मदद से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने प्रयाशरत हैं पहले ऑनलाइन क्लास में 5 से 6 बच्चे ही जुड़ पाते थे ।अब शत् प्रतिशत बच्चों को लाभ दिलाने में सफल हो चुके है।विद्यार्थी अपने होमवर्क को वाट्स एप्प ग्रुप में शेयर करते हैं।जिनके पास एंड्राइड मोबाइल नही है वे मोबाइल मित्र के सहयोग से भेज देते हैं।जिसे चेक कर बच्चों का उत्साहवर्धन शब्द लिखकर भेजा जाता हैं।

    विध्वंसकारी  वाइरस कोरोना के कारण  ऑफ़लाइन क्लास  के लिए गाँव के लोगो को जागरूक कर शिक्षक सारथी बनाया गया है जो बच्चों कोे पठन और लेखन कौशल में पारंगत कर रहे हैं।

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         कोरोना ने सभी के जीवन में भले ही रोक लगा दिया हो लेकिन ये शिक्षक लगातार बच्चों से संपर्क बनाये हुए है।कोरोना काल में अपने ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से अनेको वेबिनार व ट्रेनिंग कोर्स में जुड़कर  ऑनलाइन सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके हैं।अन्य शिक्षक साथियों का भी सहयोग करते हैं।

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          पिछले कई वर्षो से समाजोत्थान हेतु  जिले के मजदुर गरीब असहाय वर्ग के ऐसे बच्चे जो आठवी की पढ़ाई के बाद मजदूरी करते हैं जिनके लिए आगे की पढाई सपना था। ऐसे बच्चों के सपनो को साकार कराते आ रहे हैं।उनको  10वी 12वी के परीक्षा फार्म भरवा कर निःशुल्क तैयारी भी कराते हैं।क्षेत्र के बच्चों को कैरियर गाइडेन्स कर अनेक रोजगार दिला चुके है। पूर्व वर्षो में समाज हित गाँव हित मे अनेको ग्रामो में स्वच्छता टोली बनाकर स्वच्छता अभियान चला कर लोगो को जागरूक करने में भी सफल रहे हैं।इनके कार्यो को विभाग के अधिकारी भी प्रसंशा करते हैं।
































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