-->

WELCOME

शिक्षा मधुबन(विद्यालय) में माली(शिक्षक) नन्हें पौधे(विद्यार्थी) को खाद-पानी(शिक्षा) दे कर एक सुगंधित,मनमोहक और फलदार वृक्ष(काबिल इंसान) बनाता है।

नवाचारी ग्रुप

        

Breaking News

Random Post

गद्यांश 18 मरुस्थल का जहाज ऊँट

 मरुस्थल में बहुत सा पशु जीवन प्राप्त होता है। रात में रेगिस्तानी छिपकलियाँ अपने छिद्रों से बाहर निकलती है। अनेक प्रकार के जहरीले सांप, बिच्छू, लोमड़ियाँ और कीड़े मकोड़े और पक्षी प्राप्त होते हैं। सहारा, अरब और थार के मरुस्थल में अपना सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में ऊंटों का उपयोग स्थानीय लोगों के द्वारा किया जाता है। जिसे मरुस्थल का जहाज भी कहा जाता है। बालू में मीलों तक चल सकता है। इसकी आंखों की बरौनियाँ लंबी होती है और यह अपने नाक के छिद्रों को बंद रख सकता है। इससे यह रेत से अपनी आंखों और नाक को बचा सकता है। इसके पैर सपाट और गद्देदार होते हैं और पीठ पर एक या दो कूबड़ होते हैं।ऊँट एक बार में अनेक लीटर पानी पी सकता है और उसके बाद एक सप्ताह से अधिक तक बिना पानी पिए चल सकता है। मरुस्थल के निवासियों के लिए अपरिहार्य है।

Question 1 of 5

ऊंट अपनी नाक और आंखों को रेत से कैसे बचाता है?
गद्देदार पैर होने से
लंबी बरौनियाँ और नाक बंद रखने की क्षमता से
पीठ पर एक या दो कूबड़ होने से
हफ्तों तक बिना पानी के जीवित रहने से

Good Try!
You Got out of answers correct!
That's

No comments:

Post a Comment