जब तुम साफ रात्रि में आकाश की ओर देखते होंगे तो तुम्हें दूर-दूर तक हजारों तारे टिमटिमाते हुए दिखाई देते होंगे। उन्हें देखकर लगता है कि जैसे किसी ने उन्हें आकाश की काली पृष्ठभूमि पर चिपका रखा है। कई बार तुम्हें आश्चर्य हुआ होगा कि वे हर रात एक ही जगह पर कैसे बने रहते हैं, गिर क्यों नहीं जाते। रोचक तथ्य तो यह है कि तारे वास्तव में एक जगह स्थिर नहीं रहते है। जिस प्रकार पृथ्वी तथा अन्य आठ ग्रह सूर्य के चारों ओर अपने-अपने पथ पर चलते रहते हैं, वे भी उसी प्रकार अपने पथ पर धीरे-धीरे चलते रहते हैं। तुम्हें लगता है कि तारे एक ही जगह स्थित है, क्योंकि तुम उन्हें चलते हुए नहीं देख सकते हो। इसका कारण यह है कि वे हमसे हजारों-हजार किलोमीटर दूर है। जब चलते हुए भी होते हैं तब भी ऐसा लगता है कि वे एक ही जगह पर स्थित है। इसके अतिरिक्त एक शक्ति है जिसे हम गुरुत्वाकर्षण शक्ति कहते हैं, जिसके कारण चलते समय भी तारे अपने पथ पर बने रहते हैं। वह उनको एक-दूसरे से टकराने भी से भी बचाती है।
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